Router in Hindi – राऊटर क्या है?
• Router एक नेटवर्किं ग डिवाइस है जजसका इस्तेमाल दो या दो से अधिक कंप्यूटर नेटवकक के बीच data packets को स्थानांतरण करने के ललए र्कया जाता है।
• दसू रे शब्दों में कहें तो, राऊटर एक internetworking device है जजसका प्रयोग कंप्यूटर नेटवकों के मध्य डेटा पैकेट्स को send तथा receive करने के ललए र्कया जाता है।”
• राऊटर में एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जजसकी मदद से डेटा को एक नेटवकक से दसू रे नेटवकक में भेजा जाता है।
• Router एक ऐसा network device हैजो यूजर को इंटरनेट की सुवविा प्रदान करता है। अथाकत इसका प्रयोग यूजर के द्वारा इंटरनेट को access करने के ललए र्कया जाता है।
• राऊटर की मदद से कोई भी यूजर आसानी से इंटरनेट को एक्सेस कर सकता हैऔर जरुरी डेटा को एक डिवाइस से दसु रे डिवाइस में स्थानांतरण कर सकता है।
• Router एक डिवाइस से दसू रे डिवाइस में डेटा को डेटा पैकेट्स के रूप में स्थानांतरण करता है। आज के समय में इंटरनेट पर जजतना भी data है वह data packets के रूप में मौजूद होता है।
• Router सबसे पहले data packets को analyze करता है और र्फर इनको process करता है। इसके बाद जो भी डिवाइस router के साथ आपस में connect होती है, उन डिवाइस में डेटा को स्थानांतरण कर देता है।
• राऊटर का ननमाकण कुछ लोकवप्रय कंपननयों के द्वारा र्कया जाता है। जैसे की – Cisco, 3Com, HP, Juniper, D-Link, और Nortel आढद।
• इसमें डेटा को स्थानांतरण करने के ललए routing protocols का इस्तेमाल र्कया जाता है।
• इसका इस्तेमाल LAN (लोकल एररया नेटवकक ) और WAN (वाइि एररया नेटवकक ) में र्कया जाता है।
• राऊटर दसू रे नेटवर्किंग डिवाइस जैसे र्क- hub, switch आढद की तुलना में महंगा होता है।
Features of Router in Hindi – राऊटर की विशेषताएं -
इसकी निम्लिखित विशेस्ताए है--
1- यह OSI model
की तीसरी लेयर (नेटवकक लेयर) पर काम करता है।
2- यह
ववलभन्न प्रकार के port जैसे gigabit, fast-Ethernet, और STM link की मदद से User को हाई Speed इंटरनेट
की connectivity
प्रदान करता है।
3- राऊटर
के मख्य घटक ( component) है- CPU, flash
memory, RAM, console, network, और interface card etc.
4- यह
यजर को LAN और WAN नेटवकक को connect करने की सुविधा प्रदान
करता है।
5- Router एक
ऐसा डिवाइस होता है जो physical form में मौजद होता है जिसे यूजर आसानी से छू सकता है।
Types
of Router in Hindi – राऊटर के प्रकार
इसके प्रकार ननम्नललखखत हैं-
1- Wireless Router (तार रहित राऊटर)
वायरलेस राऊटर का इस्तेमाल लैपटॉप और
स्माटकफोन जैसे डिवाइसों को Wi-Fi connectivity प्रदान करने के ललए र्कया
जाता है जिससे User आसानी से इंटरनेट को एक्सेस कर सकता है।
जजन devices में Wi-Fi की सुविधा उपलब्ध होती है उन devices में router का उपयोग किया जा सकता है। वायरलेस राऊटर में User को इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने के लिए किसी भी प्रकार की cable का उपयोग नहीं किया जाता।
Wireless router की range लगभग
150 से
300 fit तक होती है यानी इतनी range में User इंटरनेट को एक्सेस कर सकता है।
Security (सरक्षा) के मामले में वायरलेस राऊटर काफी अच्छे होते है router में login करने के लिए यूजर आईिी और Password का उपयोग किया जाता है, जो
इसे पूरी तरह secure
(सुरक्षक्षित)
कर देता है।
2- Core router (कोर राऊटर)
Core router एक प्रकार का राऊटर होता है जो एक Network के अंदर Data को
transmit
करता है परन्तु यह Network के बीच में Data को Transmit नही कर सकता।
इसका उपयोग सभी तरह के Network उपकरणों
(devices)
को इंटरनेट से जोड़ने के लिए किया जाता है।
इसका इस्तेमाल internet service providers (ISPs) के द्वारा किया जाता है। इसके अलावा यह बहुत ही तेज और शजक्तशाली data communication services प्रदान करता है।
3- Broadband routers (ब्रॉडबैड राऊटर)
इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से कंप्युटर को हाई Speed इंटरनेट की सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाता है।
Broadband router में इंटरनेट की Speed काफी तेज होती है जिसकी मदद से कंप्युटर Data को तेज गति से Transfer करता है। इसके अलावा इसका उपयोग voice over IP technology (VOIP) के लिए भी किया जाता है।
ब्रॉडबैड राऊटर की सुविधा internet service provider (ISP) के द्वारा प्रदान की जाती है। राऊटर को digital subscriber line (DSL) भी कहा जाता है।
4- Brouter (ब्रॉउटर)
एक Brouter ब्रब्रज और राऊटर से मिलकर बना होता है। यह bridge के जरिये data को Transfer करने की सुविधा प्रदान करता है। ब्रॉउटर में bridge और router दोनों की विशेषताएं होती है।
Advantages
of Router in Hindi – राऊटर के फायदे
इसके फायदे निम्नलिखित होते हैं-
1- Security (सुरक्षा)
सुरक्षा के मामले में router काफी अच्छे डिवाइस होते है। यह यूजर के Data को सुरक्षा प्रदान करता है जिससे यूजर
का Data पूरी तरह secure (सुरक्षिक्षत) रहता है।
इसके अलावा Router में यूजर को लॉगिन करने के लिए user ID और password की ज़रूरत पड़ती है जो इसे और भी ज्यादा
secure
बना देता है।
2- Dynamic Routing (डायनामिक रूटटिगं)
राऊटर में Dynamic routing का इस्तेमाल किया जाता है जिससे राऊटर यह पता लगाता है की Data को Transfer करने के लिए सबसे best path
(रास्ता) कौन-सा है। इसके कारण Network में होने वाला traffic काफी
हद तक कम हो जाता है।
3– Reliability (विश्सनीयता)
Router बहुत ही reliable (विश्वनीय) है
अगर र्किसी वजह राऊटर का Server Down हो जाता है या र्फिर केबल में कोई खराबी आ जाती है। तो
router
और दूसरे Network में इसका कोई भी बूरा
प्रभाव नही पड़ता।
सरल शब्दो में कहे तो router का Network खराब होने के बावजूद भी router आसानी
से काम करता है।
4- Connection (कनेक्शन)
Connection राऊटर का मुख्य Work होता है जिसकी मदद से यूजर इंटरनेट कनेक्टविटी प्राप्त करता है। जिसके कारण यूजर आसानी से Data को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में Transfer कर सकता है। राऊटर
बहुत सारीं डिवाइसों को एक single Network के साथ connect करता
है। जिससे productivity (उत्पादकता) है।
5- Packet Filtering ( पैकेट फ़िल्टरिगं)
राऊटर packet filtering और packet
switching की सुविधा प्रदान करता है। इसकी मदद से यह Data पैकेट्स को filter करता
है। अगर कोई Data पैकेट खराब होता है तो उसे आगे Transfer करता है।
6- Integration (जोड़ना)
Routers को modem के साथ integrate किया जा सकता
है। इन दोनों के integration से छोटे नेटवर्क को create किया जा सकता है।
7- Easy Installation (आसान इंस्टालेशन)
राऊटर को setup करना र्किसी भी यूजर के लिए आसान होता है
या र्फिर कहे की router की installation
प्रर्किया काफी आसान होती है, जिसके कारण यूजर को router को इनस्टॉल करने में ज्यादा परेशानियों
का सामना नहीं करना पड़ता।
8- Wired & Wireless
यह यूजर को इंटरनेट की सुविधा wired और wireless दोनों तरीको से प्रदान कर सकता है जिसके चलते यूजर को इंटरनेट एक्सेस करने के लिए दो विकल्प मिल जाते है। यूजर अपनी इच्छा अनूसार दोनों वििकल्पों में से र्किसी एक विकल्प को चुन सकता है।
9-
यह collision domain और broadcast
domain को अपने आप ही create कर लेता है जिससे यह Network Traffic को कम करता है।
10- यह sophisticated routing, flow control और traffic isolation की सुविधा प्रदान करता
है।
Disadvantages
of Router in Hindi – राऊटर के नुकसान
1- Speed (रफ़्तार)
Router Data को पूरी तरह analyse करता
है जिसके कारण Data analyse करने
में router
को काफी समय का वक़्त लग जाता है। जिससे इसकी गति काफी Slow हो जाती है, और
इंटरनेट कनेक्शन भी Slow हो जाता है।
2- Cost (लागत)
किसी अन्य networking devices की तुलना में routers काफी ज्यादा expensive
(महंगे) होते है क्योर्क इसमें सीक्योरटी और ब्रिज जैसी सुविधाएं उपलब हाेती है जो इस डिवाइस को और भी ज्यादा expensive बनाती है, जिसके कारण router को setup करने
में काफी पैसो का Cost आता है।
3- Implementation (कार्यान्वयन करना)
इसको इम्पलीमेंट करने के लिए बहुत सारे
configurations
और NAT की ज़रूरत पड़ती है, NAT और configurations के बिना राऊटर को set up करना
काफी मश्किल होता है।
इसके अलावा simple router के setup में भी private IP
address की ज़रूरत पड़ती है जो राऊटर के इम्पलीमेंट करने की प्राक्रिया को काफी
मश्किल बनाता है।
4- Bandwidth Shortage (बैंडविड्थ की कमी)
संचार (communication) करने के लिए राऊटर Dynamic Routing तकनीकों (Dynamic routing techniques) का उपयोग करता
है जिसके कारण नेटवर्किंग में overheads की समस्या उतपन्न होती है।
Overheads की समस्या उतपन्न होने के कारण यह ज्यादा मात्रा में bandwidth का
इस्तेमाल करता है जिससे राऊटर में bandwidth की कमी हो जाती है और राऊटर सही तरीके
से काम नहीं कर पाता।
Components
of Router in Hindi – राऊटर के घटक
Router में दो प्रकार के घटक (component)
होते है। Internal components और External components .
Internal components (आंतररक घटक)
1.ROM – यह इसका internal component है जिसका उपयोग bootstrap
details और operating system को राऊटर में स्टोर करने के लिए किया जाता है।
2.Flash memory – Flash memory का उपयोग राऊटर के द्वारा Operating System की images को रखने के लिए किया जाता है।
3.RAM – RAM को
(Random
Access Memory) भी कहा जाता है जिसका उपयोग
Routing tables, configuration files, caching और
buffering
details को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
4.NVRAM – NVRAM का
उपयोग राऊटर के द्वारा startup config files को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
External Components (बाहरी घटक)
1.Virtual terminals – यह इसका external component है इसका इस्तेमाल routers को
एक्सेस प्रदान करने के लिए किया जाता है।
2.Network management stations – इसका उपयोग राऊटर के द्वारा Network को manage करने
के लिए किया जाता है , ताकि सभी Network सही तरीके से काम कर सके।
Applications
of Router in Hindi – राऊटर के अनुप्रयोग--
इसका प्रयोग बहुत सारीं जगहों पर किया जाता है।
1- इसका इस्तेमाल Hardware डिवाइस को remote
location network और Server के साथ जोड़ने के लिए किया जाता है।
सरल शब्दो में कहे तो router का उपयोग hardware devices को उन Network और Server के साथ जोड़ने के लिए किया जाता है जो hardware devices की पहुंच
से काफी दूर होते है।
2 – इसका प्रयोग data transmission को तेज गति प्रदान करने के लिए किया जाता है। जिसकी मदद से Data को एक डिवाइस से दूसरे
डिवाइस में तेज गति के साथ transfer किया जा सके।
Router Data को Transfer करने के लिए high STM
link का उपयोग करता है जिसकी वजह से यह wireless और wired communication दोनों
को Support करता है।
3- इसका
इस्तेमाल Internet service providers के द्वारा ई-मेल, वेब पेज, इमेज, ऑडियो
और वीडियो फाइलों को Transfer करने के लिए किया जाता है। राऊटर IP address
की मदद से इन फाइलों को दूनिया के र्किसी भी कोने में आसानी से transfer कर
सकता है।
4- Routers का
इस्तेमाल सॉफ्टवेयर परीक्षकों (Software Testers) के द्वारा WAN कम्यूनिकेशन
के लिए किया जाता है।
5- इसका
इस्तेमाल वायरलेस Network में VPN को configure करने के लिए किया जाता है।
6- इसका
इस्तेमाल data को store करने के लिए भी किया जाता है। राऊटर में data को store करने
की capacity (क्षमता) होती है जिसकी वजह से यह र्किसी भी प्रकार के data को आसानी से store कर सकता है।
राऊटर क्या है?
राउटर एक नेटवर्किंग उपकरण है जिसका प्रयोग कई Network काे जोड़ने के लिए किया जाता है।
राऊटर का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
इसका इस्तेमाल internet की सुविधा लेने के लिए किया जाता है.
निवेदन:– अगर
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तो उसे नीचे comment करके बताइए.
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